छठा पारा
इस पारे में दो हिस्से हैं
1. सूरह निसा की आखिरी 29 आयात
2. सूरह माइदा की शुरू की 82 आयात
#पहला_हिस्सा
सूरह निसा की आखिरी 29 आयात में तीन अहम बातें हैं
1. यहूद की मजम्मत 2. नसारा की मजम्मत 3. भाई बहनों की मीरास
1. यहूद की मजम्मत
यहूद के कई तरफ़ के ज़ुर्म ज़िक्र हुए हैं , इनका एक बड़ा ज़ुर्म हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम को क़त्ल करने की कोशिश है , मगर अल्लाह तआला ने ईसा अलैहिस्सलाम को बहिफ़ाज़त आसमान पर उठा लिया
2. नसारा की मजम्मत
ये लोग हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम के बारे में इस क़दर गुलू का शिकार हुए की अक़ीदा ए तसलीस के मानने वाले हो गए तसलीस का मतलब ये है कि : अल्लाह तआला, हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम और उनकी मां मरियम अलैहिस्सलाम तीनों को मअबूद (खुदा) समझने लगे...
3. भाई बहनों की मीरास
अगर किसी मय्यत का ना बाप हो न औलाद तो उसके सगे और बाप शरीक़ भाई बहनों में विरासत का माल तक़सीम होने की सूरतें इस सूरह की आखिरी आयत में बयान हुई :
1. अगर मय्यत का सिर्फ भाई हो तो वह पूरे माल का वारिस होगा और एक से ज़्यादा हों तो उनमें सारा माल बराबर बटेगा...
2. अगर सिर्फ एक बहन हो तो उसको आधा हिस्सा मिलेगा
3. अगल बहनें एक से ज़्यादा हों तो उन्हें दो तिहाई मिलेगा
4. अगर बहनें भी हों और भाई भी हों तो भाई को बहन से दो गुना मिलेगा
#दूसरा_हिस्सा
सूरह माएदा की 82 आयात में पांच अहम बातें हैं
1. अहद 2. चार हराम चीज़ें 3. तहारत के मसाइल 4. क़िस्सा ए हाबील व क़ाबील 5. यहूद ओ नसारा की मजम्मत
1. अहद (वादा)
हर अहद पूरा करो चाहे वह रब के साथ किया गया हो या इंसानों के साथ
2. चार हराम चीज़ें
मुरदार, बहने वाला खून, सुअर का गोश्त, गैरुल्लाह के नाम का जबीहा
3. तहारत के मसाइल
वज़ू के फराइज़ , गुस्ल और तयम्मुम के फराइज़ बयान किए गये हैं
4. हाबील और क़ाबील का क़िस्सा
हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के दो बेटों का क़िस्सा , क़ाबील ने हाबील को क़त्ल कर दिया था इसके तहत क़त्ल करने और चोरी के अहकामात ज़िक्र हुए हैं
5. यहूद व नसारा की मजम्मत
ये लोग खुद को अल्लाह का बेटा कहते हैं, हालांकि इन पर अल्लाह का अज़ाब भी आता है और इनकी तरफ से जो सरकशी के वाक़्यात हुए हैं उन पर नबी अलैहिस्सलाम को तसल्ली दी गई , मुसलमानों को उनसे क़ल्बी दोस्ती करने से मना किया गया और हज़रत दाऊद व हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की ज़बानी उन पर अल्लाह की लानत ज़िक्र हुई और आखिरी में बताया गया कि यहूद और मुश्रिकीन तुम्हारे खतरनाक दुश्मन हैं... और हक़ीक़ी नसारा मुसलमानों के लिए नरम गोशा रखते हैं
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