Saturday, 1 April 2023

 पांचवां पारा


इस पारे में सूरह निसा की दरमियानी (बीच की) 124 आयात हैं जिसमें आठ अहम बातें हैं :


1. खानादारी की तदाबीर   2. अदल और एहसान   3. जिहाद की तरगीब  4. मुनाफिक़ीन की मजम्मत  5. क़त्ल की सज़ाएं  6. हिज़रत और सलातुल ख़ौफ़  7. एक क़िस्सा   8. चंद नसीहतें


1. खानादारी के उसूल 


पहली हिदायत तो ये दी गई कि मर्द घर का सरबराह और औरतों पर कव्वाम है , फिर सरकश बीवी से जुड़ी मर्द को तीन तदबीरें बताई गईं पहली ये कि वाज़ ओ नसीहत करना, न माने तो बिस्तर अलग कर देना, अगर फिर भी न माने तो इंतेहाई क़दम के तौर पर हद में रहते हुए मार भी सकता है..... 


2. अदल और एहसान 


अदल और एहसान का हुक्म दिया गया ताकि इज्तेमाई ज़िन्दगी भी सही हो जाए


3. जिहाद की तरगीब


जिहाद पर उभारा की मौत से न डरो वह तो घर बैठे भी आ सकती है न जिहाद में निकलना मौत को यक़ीनी बनाता है और न घर में रहना ज़िन्दगी की यक़ीनी गारंटी है


4. मुनाफिक़ीन की मजम्मत


मुनाफिक़ीन की मजम्मत करके मुसलमानों को उनसे होशियार किया गया कि खबरदार! ये लोग तुम्हें भी अपनी तरह बनाना चाहते हैं


5. क़त्ल की सज़ाएं


क़त्ल की सज़ाएं बताते हुए बहुत सख्त अंदाज अपनाया कि मुसलमानों को जान बूझ कर क़त्ल करने वाला हमेशा हमेशा जहन्नम में जलेगा (इससे मुराद जाएज़ समझकर क़त्ल करने वाला है) 


6. हिज़रत और नमाज़ ए खौफ़ 


जिहाद पर उभारा था उसमें हिज़रत भी करनी पड़ती है और जिहाद और हिज़रत में नमाज़ पढ़ते वक़्त दुश्मन का डर होता है इस लिए सलातुल खौफ़ बयान हुई 


7. एक क़िस्सा


एक इंसान जो बज़ाहिर मुसलमान था , मगर असलियत में मुनाफिक़ था उसने चोरी की और इल्ज़ाम एक यहूदी पर लगा दिया , नबी अलैहिस्सलाम तक ये वाक़्या पहुंचा तो आप ﷺ यहूदी के ख़िलाफ़ फैसला देने वाले थे कि आयत नाज़िल हुई और अल्लाह तआला ने बता दिया कि चोर वह मुसलमान नुमां मुनाफिक़ है , चुनांचे वह चोर मक्का भागा और खुला काफिर बन गया


8. चंद नसीहतें


शैतान की पैरवी से बचो, वह गुमराह करने वाला है 

अबुल अम्बिया हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की पैरवी करो 

औरतों के हुक़ूक़ अदा करो 

मुनाफिक़ के लिए बहुत सख्त अज़ाब है

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