Thursday, 23 June 2016

सैय्यदना अली मुर्तज़ा रजि. इल्म का समुद्र था।  आपकी इल्मी बातो 
ने बहुत शोहरत पाई। 
एक मर्तबा एक औरत आपकी खिदमत में हाजिर हुई।  उसने शिकायत की कि मेरा भाई छ: सौ दीनार छोड़कर फ़ौत हुआ है।  जब यह रकम वारिसों में तक्सीम की गई तो मुझे सिर्फ एक दीनार दिया गया। 
कहा यह गया कि तुम्हारा हिस्से में सिर्फ एक ही दीनार आता है। आपने इस औरत की शिकायत पर गौर किया, फिर बोले :
"शायद तुम्हारे भाई ने एक बीवी, दो लड़कियां, एक माँ एक बहन और बेटे छोड़े है।"

औरत ने हैरान होकर कहा "आपका अंदाज़ा बिलकुल दुरुस्त है।"

इस पर सैयदना अली मुर्तज़ा रजि. ने फ़रमाया : "तब तुम्हारे हिस्से में एक ही दीनार आता है।" 

No comments: