Monday, 6 June 2016

खुदाया तू' करम मुझपे, इसी रमज़ान कर देना
गुनाहे माफ़ मेरी तू, इसी रमज़ान कर देना
गुनाहो से मिरा दिल भी सिया ही अब नज़र आता
मुझे तू पाक दामन अब इसी रमज़ान कर देना

खुदा को मिलकर मनाए चलो नमाज़ पढ़े 
सरो को अपने झुकाए चलो नमाज़ पढ़े 
नमाज़ियों को मिली है दो जहां की ख़ुशी 
अजाने हमको बुलाए चलो नमाज़ पढ़े 
नमाज़ियों की दुआए क़ुबूल होती है 
खताए माफ़ कराए चलो नमाज़ पढ़े 
किया था रब से जो वादा वो भूल बैठे है 
उठो की वादा निभाए चलो नमाज़ पढ़े 
करीब बन्दों के होता है रब नमाज़ों में 
वो सब सुनेगा दुआए चलो नमाज़ पढ़े 
धकेला जाएगा दोज़ख में बेनमाजो को 
हम उससे खुदको बचाए चलो नमाज़ पढ़े 
है शौक तुमको कि हशर में हुजूर
जाम हमको पिलाए चलो नमाज़ पढ़े 

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