हम तो वो उम्मत है ,की जिनको हुक्म है कि
कब्रिस्तान से गुजरो तो, मुर्दों को भी सलाम करो,
मगर हम है कि ज़िंदा लोगो को भी
बगैर मतलब के सलाम नहीं करते
मुझमे बेलौस मुहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं,
तुम चाहो तो मेरी सोंचो की तलाशी ले लो
कब्रिस्तान से गुजरो तो, मुर्दों को भी सलाम करो,
मगर हम है कि ज़िंदा लोगो को भी
बगैर मतलब के सलाम नहीं करते
मुझमे बेलौस मुहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं,
तुम चाहो तो मेरी सोंचो की तलाशी ले लो
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