Saturday, 6 December 2014

हज़रत अस्मा बिन्त यज़ीद र. अ. कहती है की अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलहि वसल्लम ने फ़रमाया है -
झूट बोलना सिर्फ तीन मौको पर जायज़ है -

1 एक तो मर्द का झूट बोलना , अपनी बीवी को राज़ी करने के लिए।
2 दूसरे लड़ाई में झूट बोलना और ,
3 तीसरे लोगों के दरम्यान सुलह करने में झूट बोलना।

(हवाला - मिश्कात शरीफ , जिल्द 2 पृष्ठ 724 हदीस 4783 , दोस्ती और ऐबज़ूई का बयान। )

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