हज़रत उम्मे सलमा र. अ. कहती है की मैं और हज़रत मेमुना र. अ. अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की खिदमत में हाज़िर थी की रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हम से फ़रमाया, इनसे पर्दा करो।
मेने अर्ज़ किया, ऐ अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ! वह तो अंधे है , हम को नहीं देख सकते।
आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया , क्या तुम भी अंधी हो की उनको नहीं देख सकती ?
(हवाला - मिश्कात शरीफ , जिल्द 2 हदीस 2964 आज़ा के छिपाने का बयान। )
मेने अर्ज़ किया, ऐ अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ! वह तो अंधे है , हम को नहीं देख सकते।
आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया , क्या तुम भी अंधी हो की उनको नहीं देख सकती ?
(हवाला - मिश्कात शरीफ , जिल्द 2 हदीस 2964 आज़ा के छिपाने का बयान। )
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