Friday, 19 September 2014

jayaz kasam

आइशा र. अ. से रिवायायत है की नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया:"जिसने यह कसम खायी की मैं अल्लाह की इताअत करूँगा तो उसे पूरा करना चाहिए और जिसने यह कसम उठाई की मैं अल्लाह की नाफरमानी करूँगा तो उसे नाफरमानी नहीं करनी चाहिए। " (मुख़्तसर सहीह बुखारी)

फायदे: नमाज़,रोज़ा,हज या सदक़ा व खैरात करने की नज़र माने तो उसका पूरा करना जरुरी है। अगर गुनाह का काम करने की नज़र माने की फलां क़ब्र पर या मज़ार पर चिराग रोशन करूँ या उसका तवाफ़ करूँगा तो उसे हरगिज़ पूरा न करे।

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