नबी सालल्लल्लहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया "मुसलमान जब अपने मुसलमान भाई की तीमारदारी के लिए जाता है तो वह वापस लौटने तक ज़न्नत के मेवे चुनता है। " (तिर्मिज़ी, जनाइज़ हदीस 970 अबु दाऊद जनाइज़ हदीस 3098 )
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया :"अल्लाह तआला जिस शक्श के साथ भलाई का इरादा करता है , उसे तकलीफ का शिकार कर देता है। " (बुखारी,मुस्लिम, हदीस 5645)
नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया :"बुखार *हो जाये तो उस)को बुरा न कहो क्योंकि बुखार आदमी के गुनाह इस तरह दूर करता है जिस तरह भट्टी लोहे के मैल को दूर करती है। (मुस्लिम,हवाला, साबिक , हदीस 2575 )
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया :"अल्लाह तआला जिस शक्श के साथ भलाई का इरादा करता है , उसे तकलीफ का शिकार कर देता है। " (बुखारी,मुस्लिम, हदीस 5645)
नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया :"बुखार *हो जाये तो उस)को बुरा न कहो क्योंकि बुखार आदमी के गुनाह इस तरह दूर करता है जिस तरह भट्टी लोहे के मैल को दूर करती है। (मुस्लिम,हवाला, साबिक , हदीस 2575 )
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