सब्र
दुनिया में हर मोमिन की तक़दीर में अल्लाह ने कोई न कोई आज़माइश लिख दी है। फ़रमाया "हम तुम्हे ज़रूर आज़माएंगे कुछ खौफ और भूख से और माल व जान और फलों की कमी से। आप (ऐ मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि वसल्लम ) सब्र करने वालों को खुशखबरी दे दीजिये जिन्हे जब किसी मुसीबत का सामना होता है तो वोह कहते है, हम यक़ीनन अल्लाह ही के है और उसी की तरफ लौट कर जाना है। ऐसे ही लोगों पर अल्लाह की नवाज़िश और रहमत होती है। "
(सूरह बकरा - आयत -156-157 )
गया सब्र वह चीज़ है जिससे अल्लाह सब्र करने वाले की ज़िन्दगी को खुशहाल बना देता है और अपने फ़ज़ल व करम से नवाज़ता है।
अल्लाह के रसूल सल्ललाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया "जब किसी मुसलमान को कोई तकलीफ पहुँचती है तो अल्लाह तआला उसके गुनाहो को इस तरह गिरा देता है जैसे पेड़ से पत्ते झड़ते है। (बुखारी 564 मुस्लिम 2571 )
"मोमिन का मामला बड़ा अजीब है। अगर उसे कोई ख़ुशी पहुंचे तो वह शुक्र अदा करता है। इस तरह वह ख़ुशी उसके लिए खैर की वजह बन जाती है और अगर उसे कोई गम ही पहुंचे तो वह सब्र करता है और यह भी उसके लिए बाइसे खैर बन जाता है। " (मुस्लिम-2999 )
दुनिया में हर मोमिन की तक़दीर में अल्लाह ने कोई न कोई आज़माइश लिख दी है। फ़रमाया "हम तुम्हे ज़रूर आज़माएंगे कुछ खौफ और भूख से और माल व जान और फलों की कमी से। आप (ऐ मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि वसल्लम ) सब्र करने वालों को खुशखबरी दे दीजिये जिन्हे जब किसी मुसीबत का सामना होता है तो वोह कहते है, हम यक़ीनन अल्लाह ही के है और उसी की तरफ लौट कर जाना है। ऐसे ही लोगों पर अल्लाह की नवाज़िश और रहमत होती है। "
(सूरह बकरा - आयत -156-157 )
गया सब्र वह चीज़ है जिससे अल्लाह सब्र करने वाले की ज़िन्दगी को खुशहाल बना देता है और अपने फ़ज़ल व करम से नवाज़ता है।
अल्लाह के रसूल सल्ललाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया "जब किसी मुसलमान को कोई तकलीफ पहुँचती है तो अल्लाह तआला उसके गुनाहो को इस तरह गिरा देता है जैसे पेड़ से पत्ते झड़ते है। (बुखारी 564 मुस्लिम 2571 )
"मोमिन का मामला बड़ा अजीब है। अगर उसे कोई ख़ुशी पहुंचे तो वह शुक्र अदा करता है। इस तरह वह ख़ुशी उसके लिए खैर की वजह बन जाती है और अगर उसे कोई गम ही पहुंचे तो वह सब्र करता है और यह भी उसके लिए बाइसे खैर बन जाता है। " (मुस्लिम-2999 )
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