वक़्त विलादत अज़ान , बाद वफ़ात नमाज़
बस इतनी सी देर का झगड़ा था ज़िन्दगी का।
हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने दस सहाबा -ए -किराम को इस दुनिया ही में ज़न्नत की बशारत सुना दी थी। उन्हें अशरा -ए -मुबश्शरह कहते है इन हज़रात के नाम इस तरह है -
१ हज़रत अबु बक्र सिद्दीक़ र.अ.
२ हज़रत उम्र फारूक र. अ.
३ हज़रत उस्मान गनी र. अ.
४ हज़रत अली मुर्तज़ा र. अ.
५ हज़रत तल्हा र. अ.
६ हज़रत ज़ुबैर बिन अव्वाम र. अ.
७ हज़रत अबु उबैदह बिन जर्रह र. अ.
८ हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ र. अ.
९ हज़रत सअद बिन अबी वक़्क़ास र. अ.
१० हज़रत सईद बिन ज़ैद र. अ.
बस इतनी सी देर का झगड़ा था ज़िन्दगी का।
हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने दस सहाबा -ए -किराम को इस दुनिया ही में ज़न्नत की बशारत सुना दी थी। उन्हें अशरा -ए -मुबश्शरह कहते है इन हज़रात के नाम इस तरह है -
१ हज़रत अबु बक्र सिद्दीक़ र.अ.
२ हज़रत उम्र फारूक र. अ.
३ हज़रत उस्मान गनी र. अ.
४ हज़रत अली मुर्तज़ा र. अ.
५ हज़रत तल्हा र. अ.
६ हज़रत ज़ुबैर बिन अव्वाम र. अ.
७ हज़रत अबु उबैदह बिन जर्रह र. अ.
८ हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ र. अ.
९ हज़रत सअद बिन अबी वक़्क़ास र. अ.
१० हज़रत सईद बिन ज़ैद र. अ.
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