Thursday, 11 September 2014

फतवा

                                                               फतवा
अज़ीज़ साथियों !
अस्स सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह !
यह फतवा सऊदी फतवा कॉउंसिल की तरफ से जारी किया गया है , जिसको आपके लिए यहाँ शाया किया जा रहा है।

1 क़ुरआनी आयात को रिंगटोन बनाकर इस्तेमाल करना हराम है।  क्योंकि इस्तेमालकर्ता अपनी मर्ज़ी से बगैर उनके मअना को समझे , बीच में ही फोन को रिसीव कर लेता है , जिससे क़ुरआनी आयात का मअनि व मतलब बदल जाता है।  क़ुरआन हमारी हिदायत के लिए है , न की रिंगटोन के लिए।

2 इसी तरह अंग्रेजी में लिखते वक़्त mosque मस्जिद की जगह हरगिज़ - हरगिज़ ना लिखा जाए।  क्योंकि इस्लामिक संस्थाओ ने पाया की mosque को mosquites से लिया गया है ,यानि मच्छरों के रहने की जगह ! इसी तरह  mecca की  जगह हमेशा makkah ही का इस्तेमाल किया जाये।, क्योंकि mecca का मतलब होता है house of wines (शराब का घर ).

3 किसी भी हालत में mohd नहीं लिखे , हमेशा रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का पूरा नाम लिखे।
क्योंकि mohd. का मतलब होता है the dog with big mouth (अल्लाह की पनाह ). .  

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