रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया की :
"मुसलमान के मुसलमान पर 5 हक़ है।"
1 (जब मिले तो उसे सलाम कहे ) या उसके सलाम का जवाब दे।
2 जब बीमार हो तो उसका हाल पूंछे।
3 जब मर जाये तो उसका जनाज़ा पढ़े।
4 जब दावत दे तो उसे क़ुबूल करे।
5 अगर वह छींक पर (अल्हम्दुलिल्लाह) कहे तो, जवाब में (यरहमुकल्लाह) कहे। "
(बुखारी, अलजनाइज़ , हदीस 1240 मुस्लिम, सलाम , हदीस 2162 )
"मुसलमान के मुसलमान पर 5 हक़ है।"
1 (जब मिले तो उसे सलाम कहे ) या उसके सलाम का जवाब दे।
2 जब बीमार हो तो उसका हाल पूंछे।
3 जब मर जाये तो उसका जनाज़ा पढ़े।
4 जब दावत दे तो उसे क़ुबूल करे।
5 अगर वह छींक पर (अल्हम्दुलिल्लाह) कहे तो, जवाब में (यरहमुकल्लाह) कहे। "
(बुखारी, अलजनाइज़ , हदीस 1240 मुस्लिम, सलाम , हदीस 2162 )
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