तेइसवां पारा
इस पारे के चार हिस्से हैं
1. सूरह यासीन का बाकी हिस्सा
2. सूरह साफ्फात मुकम्मल
3. सूरह ص मुकम्मल
4. सूरह ज़ुमर शुरूआती हिस्सा
❶ सूरह यासीन के बाक़ी हिस्से में तीन चीज़ें हैं:
1. हबीब नज्जार का क़िस्सा
(एक गाँव के लोगों ने अपने तीन पैगम्बरों को झुठलाया, उन्हीं के एक आदमी हबीब नज्जार ने उन्हें समझाने की कोशिश की, तो उन्होंने उसे शहीद कर दिया, भले ही वह जन्नत में जाकर भी उसने तमन्ना की कि काश मेरी क़ौम को मालूम हो जाए कि मुझे कैसी नेमतें मिली हैं
2. अल्लाह की क़ुदरत के दलाइल
¤ मुर्दा ज़मीन जो बारिश से ज़िन्दा हो जाती है।
¤ दिन और रात के निजाम और शम्स और कमर।
¤ नावें और जहाज जो समुद्र में चलते हैं।
3. क़यामत
(महशर की हौलनाकी (वीभत्सता) , सूर फूंकने का ज़िक्र उस दिन मुजरिमों के मुँह पर मुहर लगा दी जाएगी और उनके अंग उनके ख़िलाफ़ गवाही देंगे।)
❷ सूरह साफ्फ़ात में दो चीज़ें हैं:
1. जहन्नमियों का लान तान और जन्नत के लोगों की खुशगवार बातचीत।
2. पैगम्बरों की कहानियां (उन पर शांति हो) नूह अलैहिस्सलाम , हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की दावत ए तौहीद, उन्हें अपने बेटे को ज़िले करने का आदेश और उसका अनुपालन, मूसा अलैहिस्सलाम और हारून अलैहिस्सलाम का क़िस्सा, हज़रत इलियास अलैहिस्सलाम जिन्हें सीरिया में ऐसे लोगों के लिए एक नबी के रूप में भेजा गया था, जो "बअल" नामक मूर्ति की पूजा करते थे, लूत अलैहिस्सलाम की क़ौम के लोगों की शहवत परस्ती का क़िस्सा, यूनुस अलैहिस्सलाम के मछली के पेट में जाने का क़िस्सा
❸ सूरह ص में दो बातें हैं:
1. तौहीद
(एक अल्लाह सभी इंसानों और जीवन और मृत्यु की पूरी व्यवस्था का मालिक है।)
2. रिसालत
(पवित्र पैगंबर को सांत्वना, कुरैश की निंदा, हजरत दाऊद अलैहिस्सलाम के शुक्र का क़िस्सा और हजरत अय्यूब अलैहिस्सलाम के सब्र का क़िस्सा और अन्य नबियों की क़िस्से
❹सूरह ज़ुमर के शुरूआती हिस्से में दो बातें हैं:
1. कुरान की अज़मत
2. तौहीद (अल्लाह सर्वशक्तिमान इंसान को उसकी माँ के पेट में तीन अँधेरों में पैदा करता है। एक मुशरिक की मिसाल एक गुलाम की तरह है जिसके कई आका हैं और एक मुवह्हिद की मिसाल उस गुलाम की है जिसका केवल एक आक़ा है।)
Muhammad Yasir
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