बाइसवां पारा
इस पारे के चार हिस्से हैं:
1. सूरह अल-अहज़ाब का बाक़ी हिस्सा
2. सूरह सबा मुकम्मल
3. सूरह फातिर मुकम्मल
4. सूरा यासीन शुरूआती हिस्सा
❶ सूरह अल-अहज़ाब के बाक़ी हिस्से में चार चीज़ें हैं:
1. अजवाज ए मुतह्हरात के सात अहकाम :
¤ नाजुक ढंग से मत बोलो।
¤ बेवजह घर से बाहर ना निकले।
¤ जाहिलिय्याह की स्त्रियों के समान अपना ज़ीनत और सतर का इज़हार करते हुए बाहर न निकलें।
¤ नमाज़ की पाबंदी करें।
¤ जकात दें।
¤ अल्लाह और उसके रसूल की इताअत करें।
कुरान की आयतों की तिलावत और हदीसों का मुज़ाकिरह
2. मुसलमानों के दस गुण : (इस्लाम, ईमान, क़ुनूत, सिद्क़, सब्र, खुशू, सदक़ा, रोज़े, शर्म गाह की हिफाज़त, कसरत से अल्लाह का ज़िक्र)
3. पैगंबर का निकाह: जब हज़रत ज़ैद बिन हारिसा और उनकी फूफी जाद बहन हज़रत ज़ैनब का मेल न हो सका और उनके बीच अलगाव हो गया, तो अल्लाह के आदेश से रसूलुल्लाह ﷺ उन्होंने खुद हज़रत ज़ैनब से निकाह किया।
4. पैगंबरﷺ पर दरूद ओ सलाम का हुक्म
❷ सूरह सबा में दो बातें हैं:
1. हज़रत दाऊद और हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम का क़िस्सा
2. अहल सबा के गुरूर और तकब्बुर की घटना
❸ सूरह फातिर में दो बातें हैं:
1. तौहीद के दलाइल
2. मुसलमानों के तीन समूह (1. वे मुसलमान जिनके गुनाह ज्यादा हैं 2. नेकी और गुनाह बराबर 3. नेकियां ज्यादा हैं)
❹ सूरह यासीन के शुरूआती हिस्से में दो बातें हैं:
1. रिसालत
2. कुरैश की मज़म्मत
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