अठ्ठाइसवां पारा
इसमें कुल 9 सूरह हैं
❶ सूरह मुजादिलह
खौला बिन्त सअलबा रज़ि के पति ने उनसे ज़हार कर लिया जिसका अर्थ है कि यह वो अपने पति के लिए हराम हो गईं, खौला परेशान हो गईं कि अब क्या होगा चुनांते नबी ए करीम ﷺ के पास आईं और फरियाद पेश की और बार बार पेश की और हर बार रसूलुल्लाह ﷺ कहते रहे कि तुम अपने पति के लिए हराम हो गई हो। अंत में उन्होंने अपना सिर अल्लाह की ओर उठाया, तो अल्लाह ने लब्बैक कहा और रसूलुल्लाह ﷺ पर ये सूरत नाज़िल की जिसमें ज़हार के कफ्फारे का बयान है...
2. फित्ना व फ़साद की मज़म्मत और तक़वा की तरगीब
3. मुनाफिकीन की मज़म्मत
❷ सूरह हश्र
¤ जब बनुनज़ीर के ज़िलावतनी के हालात बताकर अल्लाह की क़ुदरत का बयान
¤ माल ए गनीमत के अहकाम
¤ मुहाज़िरीन व अंसार का तज़किरह
❸ सूरह मुमतहिना
इस सूरा में बहुत सी बातें हैं
¤ मुसलमानों को चेतावनी दी गई है कि वे इस्लाम के दुश्मनों से दोस्ती न करें क्योंकि वे हमेशा इस्लाम को चोट पहुँचाते हैं।
¤ जब महिलाएं हिजरत करके मदीना आईं तो नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को हुक्म हुआ कि आप उनसे क़सम लें कि वे शिर्क नहीं करेंगी, चोरी नहीं करेंगी, ज़िना नहीं करेंगी और अपने बच्चों को क़त्ल नहीं करेंगी।
❹ सूरह सफ़
¤ वह तिजारत जिससे दुनिया व आखिरत का नफा हो
¤ जिहाद करने वाले अल्लाह की नजर में महबूब हैं
¤ कोई कितना भी ताकत लगा ले खुदा यानी इस्लाम की रौशनी को मिटाया नहीं जा सकता
❺ सूरह जुमआ
¤ जुमे की फर्जीयत व आदाब
❻ सूरह अल-मुनाफ़िक़ुन
मुनाफिकीन की मज़म्मत, और नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम और उनके साथियों को उनकी चालों से सावधान रहने का हुक्म दिया गया
¤ ईमान वालों को चेतावनी दी गई है कि ये माल और औलाद तुम्हारी बर्बादी का सबब न बनें
❼ सूरह तगाबुन
क़यामत के दिन जन्नत में रहते हुए इस तरह से गबन करेंगे कि जो जहन्नम में गए उनके लिए भी जन्नत में घर बनेंगे और जन्नती उसपर कब्ज़ा कर लेंगे इसलिए इस दिन का एक नाम है यौमुलउल तगाबीन
❽ सूरह तलाक़
¤ तलाक के बाज़ मसाइल का बयान
¤ अलग-अलग तरह की औरतों की इद्दत यानी नाबालिग और आएसा की इद्दत तीन महीने की, गर्भवती औरत की इद्दत वगैरह
¤ नेक लोगों को परेशानी से राहत मिलेगी, उन्हें बेहिसाब रिज़्क़ मिलेगा, उनके मामले आसान होंगे, उनके पाप मिटेंगे और उन्हें एक बड़ा अज्र ए अज़ीम मिलेगा।
❾सूरह तहरीम
1. अजवाज ए मुतह्हरात से मुताल्लिक़ कुछ अहकाम
2- दो जहन्नमी औरतों का बयानऔर ये दोनों पैगम्बर की पत्नियां हैं (नूह और लूत अलैहिस्सलाम) और वे काफिरों के लिए एक मिसाल हैं और मोमिनों के लिए दो जन्नती औरतों की मिसाल है, एक फिरौन की बीवी आसिया और दूसरी इमरान की बेटी मरियम अलैहिस्सलाम
¤ यहूद की मज़म्मत
Muhammad Yasir
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