Saturday, 1 April 2023

 आठवां पारा 


इस पारे में दो हिस्से हैं :


1. सूरह अनआम की 55 आयात

2. सूरह आराफ की इब्तेदाई 87 आयात


सूरह अनआम की 55 आयात में ये चार अहम बातें हैं


1. तसल्ली ए रसूल  2. मुश्रिकीन की चार हिमाकतें

3. अल्लाह की दो नेअमतें  4. दस नसीहतें


1. तसल्ली ए रसूल


इस सूरत में रसूलुल्लाह ﷺ को तसल्ली दी गई है कि ये लोग जिद्दी हैं मोअजज़े का बेजा मुतालबा करते रहते हैं, और अगर मुर्दे भी उनसे बातें करें तो फिर भी ईमान नहीं लाएंगे हालांकि क़ुरआन का मोअजज़ा ईमान लाने के लिए काफी है... 


2. मुश्रिकीन की चार हिमाकतें


1. ये लोग चौपायों में अल्लाह तआला का हिस्सा और शुरकाअ (जिसे अल्लाह का शरीक बनाया जाए) का हिस्सा अलग अलग कर देते हैं, शुरकाअ के हिस्से को अल्लाह के हिस्से मिलने न देते लेकिन अगर अल्लाह का हिस्सा शुरकाअ के हिस्से में मिल जाता तो उसे बराबर न समझते... 


2. गरीबी के डर से बेटियों को क़त्ल कर देते 

3. चौपायों की तीन क़िस्में बना रखी थीं , एक दो उनके बड़े और पेशवा लोगों के लिए मखसूस, दूसरा जिसपर सवार होना मना था, तीसरे वह जिन्हें गैरुल्लाह के नाम से जिबह करते थे

4. चौपाए के बच्चों को औरतों पर हराम समझते और अगर वह बच्चा मुरदा होता तो औरत और मर्द दोनों के लिए हलाल समझते... 


3. अल्लाह की दो नेअमतें


1. खेतियां      2. चौपाए (चार पैर वाले जानवर) 


4. दस नसीहतें


1. अल्लाह के साथ किसी को शरीक न किया जाए 

2. मां बाप के साथ अच्छा सुलूक किया जाए 3. औलाद को क़त्ल न किया जाए  4. बुराईयाों से बचा जाए 5. नाहक़ क़त्ल न किया जाए 6. यतीमों का माल न खाया जाए 7. नाप तौल में कमी न की जाए 8. बात करते वक़्त इंसाफ किया जाए 9. अल्लाह के अहद को पूरा किया जाए 10. सिराते मुस्तक़ीम ही की पैरवी की जाए


दूसरा हिस्सा 


सूरह आराफ़ की 87 आयात में ये पांच अहम बातें हैं


1. अल्लाह की नेमतें  2. चार निदाएं  3. जन्नतियों और जहन्नमियों का मुकालमा  4.अल्लाह की क़ुदरत के दलाइल

5. पांच क़ौमों के क़िस्से 


1. अल्लाह की नेमतें


1. क़ुरआन ए करीम  2. ज़मीन की रिहाइश  3. इंसानों की तख़लीक़  4. इंसानों का मस्जूद ए मलाइका होना 


2. चार निदाएं


सिर्फ इस सूरत में चार दफा अल्लाह ने "या बनी आदम" (ऐ आदम के बेटों) कह कर पुकारा है , पहली तीन निदाओं में लिबास का ज़िक्र है इसके तहत अल्लाह तआला ने मुश्रिकीन की रद कर दिया कि तुम्हें नंगे होकर तवाफ़ करने को अल्लाह ने हुक्म नहीं दिया जैसा कि उनका दावा था चौथी बार या बनी आदम कहकर अल्लाह ने रसूलुल्लाह ﷺ की पैरवी करने की तरगीब दी


3. जन्नतियों और जहन्नमियों का मुकालमा


जन्नती कहेंगे क्या तुम्हे अल्लाह के वादों का यक़ीन आया? जहन्नमी इकरार करेंगे, जहन्नमी खाना पीना मांगेगे मगर जन्नती उनसे कहेंगे : "अल्लाह तआला ने काफिरों पर अपनी नेमतें हराम कर दी हैं"... 


4. अल्लाह की क़ुदरत के दलाइल


बुलंद ओ बाला आसमान, फैली हुई ज़मीन व अर्श, रात और दिन का निज़ाम, चमकते चांद, सूरज और सितारे, हवाएं और बादल, ज़मीन से निकलने वाली नबातात (पेड़, पौधे) 


5. पांच क़ौमों के क़िस्से 


1. कौम ए नूह 2. कौम ए आद 3. कौम ए समूद 4. कौम ए लूत 5. कौम ए शोऐब 

इन क़िस्सों की हिक्मतें: 1. तसल्ली ए रसूल ﷺ

2. अच्छों और बुरों का अंजाम बताना 3. रिसालत की दलील की उम्मी होने के बावजूद पिछली क़ौमों के क़िस्से सुना रहे 

4. इंसानों के लिए इबरत व नसीहत

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