शाम को लाज़िम पकड़ लो
रसूलुल्लाह ने फ़रमाया :
"अनक़रीब ऐसा वक़्त आएगा कि तुम लोग अलग अलग टुकड़ियों में बंट जाओगे
एक टुकड़ी शाम में, एक यमन में और एक ईराक़ में"
इब्ने हवाला ने कहा : अल्लाह के रसूल मुझे बताइए अगर मैं वो जमाना पाऊं तो
किस टुकड़ी में रहूं ?
आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया : "अपने ऊपर शाम को लाज़िम कर लो,
क्यूंकि शाम का मुल्क अल्लाह लो बेहतरीन सरजमीं है, अल्लाह उस मुल्क में अपने
नेक बन्दों को जमा करेगा, अगर शाम में न रहना चाहो तो अपने यमन को लाज़िम
पकड़ना और अपने तालाबों से पानी पिलाना, क्यूंकि अल्लाह ने मुझसे शाम और उसके
बाशिंदों की हिफाज़त की जिम्मेदारी ली है।"
(सुनन अबु दाऊद : 2483)
रसूलुल्लाह ने फ़रमाया :
"अनक़रीब ऐसा वक़्त आएगा कि तुम लोग अलग अलग टुकड़ियों में बंट जाओगे
एक टुकड़ी शाम में, एक यमन में और एक ईराक़ में"
इब्ने हवाला ने कहा : अल्लाह के रसूल मुझे बताइए अगर मैं वो जमाना पाऊं तो
किस टुकड़ी में रहूं ?
आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया : "अपने ऊपर शाम को लाज़िम कर लो,
क्यूंकि शाम का मुल्क अल्लाह लो बेहतरीन सरजमीं है, अल्लाह उस मुल्क में अपने
नेक बन्दों को जमा करेगा, अगर शाम में न रहना चाहो तो अपने यमन को लाज़िम
पकड़ना और अपने तालाबों से पानी पिलाना, क्यूंकि अल्लाह ने मुझसे शाम और उसके
बाशिंदों की हिफाज़त की जिम्मेदारी ली है।"
(सुनन अबु दाऊद : 2483)
No comments:
Post a Comment