अहले सुन्नत वल जमाअत का अक़ीदा यह है कि सारी चीज़ो का ज्ञान केवल अल्लाह तआला की जात के लिए खास है।
गैब का जानने वाला केवल अल्लाह है नबियों व रसूलो को भी किसी चीज़ का ज्ञान उस समय तक हासिल नहीं होता जब तक कि उनपर वहय न उतरे।
बरेलवियों का अक़ीदा है कि नबियों व औलिया को हर उस बात का ज्ञान है जो हो चुकी है या होने वाली है।
उनकी नजर से कोई चीज़ छिपी हुई नहीं है। सारा जगत उनकी नजर के सामने है वे दिलों के हाल जानने वाले है उनको क़यामत का ज्ञान आखिरत का ज्ञान होता है। माँ के पेट में जो कुछ है उससे वाकिफ होते है।
हर छिपे व खुले पर उनकी नजर होती है।
मतलब यह की दुनिया में जो कुछ हो चूका है , जो कुछ हो रहा है और जो कुछ होने वाला है वह औलिया के इज्तेहाद से कोई भी चीज़ छिपी नहीं है।
अब सुनिए क़ुरआनी आयते और अल्लाह के इरशाद :
"कह नहीं जानता कोई चीज़ आसमानो के और जमीन के छिपे मगर अल्लाह।"
(सूरह नहल - 65)
"सिवाए उसके नहीं कि गैब का ज्ञान वास्ते खुदा ही के तो इन्तेज़ार करो बेशक मैं भी साथ तुम्हारे इन्तेज़ार करने वालो से हूँ। " (सूरह यूनुस : 20)
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