कबरपरस्ती से बाज़ आ जाओ ऐ लोगो !
दीन मुल्ले मोलवियों से या फ़क़ीरों से नहीं चलता
दीन सूफियो से मलंगों से खानकाहों से नहीं चलता
दीन बाबाओ से जादूगरों से तावीज़ गंडे करने वालो से नहीं चलता
दीन को जानना है तो हमें तक़वा इख़्तियार करना पड़ेगा
दीन को समझना है तो हमें क़ुरआन व हदीस को जानने व मानने वालो की सोहबत इख़्तियार करना पड़ेगी
दीन कोई बाप-दादा की जागीर नहीं दीन किसी मौलवी या मुफ़्ती की जागीर नहीं
दीन इब्राहिम अलैहिस्सलाम से है दीन हज़रत अबु बकर से है दीन शेख अब्दुल क़दीर जिलानी र. अ. से है
दीन ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैहि से है , दीन ईमाम बुखारी र. अ. से है हमें दींन को जानने के लिए इब्ने कसीर से सबक लेना चाहिए हमें ईमाम शाफ़ई मालिकी हम्बली हनीफा र. अ. से सबक लेना चाहिए हमें मंसूर मतरेदी व इब्ने तैमिया के हालात को जानना चाहिए।
हमें दीन को सिखने के लिए गान बजाना क़व्वाली को रद्द करना होगा हमें उस काम से मुहब्बत करना चाहिए जिसे प्यारे रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने पसंद फ़रमाया और उस काम से परहेज़ करना चाहिए जिससे हमारे प्यारे नबी ने रोका। बस यही हम करले तो हमारे लिए काफी है।
दीन सूफी से या कूफा से नहीं चलता दीन अरब से या अज़म से नहीं चलता
दीन क़ुरआन व हदीस से चलता है।
बल्कि दीन क़ुरआन व सहीह अहादीस से चलता है
मेरे प्यारे नबी और सहाबा किराम से चलता है ताबेईन और तबे ताबेईन से चलता है।
दीं किसी मुल्ले की जागीर नहीं जो मुँह में आये बकता चला जाये अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए
एक-दूसरे मुस्लिम भाइयो को लड़वाता रहे।
सुन्नी वहाबी शिया सुन्नी बरेलवी बिदति बता-बताकर अपनी रोटिया सेंकता रहे।
दींन कतई इसका नाम नहीं है
दीन तक़वा और परहेज़गारी का नाम है
दीन भाईचारे का नाम है
दीन ईस्लाम को गैरमुस्लिम भाइयो के सामने पेश करने का नाम है
दीन आपसी प्रेम का नाम है
दीन मतलब शांति अमन है
दीन गरीबो की सेवा है ना की पक्की क़ब्रे बनाने और मेला भरने का
दीन गेरुल्लाह पर चढ़ावा चढ़ाने का नाम नहीं है बल्कि एक अल्लाह की ईबादत करने का नाम है
दीन सिर्फ एक अल्लाह को जिन्दा समझने का नाम है बाकी सबको मौत आनी है फिर वो सब हश्र के वक़्त ज़िंदा होंगे इस ईमान का नाम है।
हमें लायानी से बचना होगा हमें एक-दूसरे की ग़ीबत से बचना होगा हमें इत्तेहाद से रहना होगा।
बस दीन इसी का नाम है
बस दीन इसे ही कहते है।
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