ईमाम बुखारी र. अ. नजदीक इस्लाम और ईमान एक ही चीज़ है
ईमाम बुखारी खुद फरमाते है कि मैं मुख़्तलिफ़ शहरो में हज़ार से ज्यादा इल्म वालो से मिला हूँ,
सब यही कहते थे कि ईमान कौल और अमल का नाम है और यह कम और ज्यादा होता रहता है।
(बुखारी शरीफ मुसन्निफ़ )
अबु हुरैरा र. अ. से रिवायत है कि प्यारे रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया :
"ईमान के साठ से कुछ ज्यादा टहनियाँ है और शर्म भी ईमान की एक (अहम) टहनी है।"
(बाब - उमुर अल ईमान, बुखारी : 9)
ईमाम बुखारी खुद फरमाते है कि मैं मुख़्तलिफ़ शहरो में हज़ार से ज्यादा इल्म वालो से मिला हूँ,
सब यही कहते थे कि ईमान कौल और अमल का नाम है और यह कम और ज्यादा होता रहता है।
(बुखारी शरीफ मुसन्निफ़ )
अबु हुरैरा र. अ. से रिवायत है कि प्यारे रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया :
"ईमान के साठ से कुछ ज्यादा टहनियाँ है और शर्म भी ईमान की एक (अहम) टहनी है।"
(बाब - उमुर अल ईमान, बुखारी : 9)
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