(ईस्लामिक क्विज)
आज का सवाल
हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की पहली शादी किससे हुई ?
(1) आयशा बिन्त अबु बकर र. अ.
(2) ख़दीजा बिन्त खुवेलिद र. अ.
(3) हफ्सा बिन्त उमर र. अ.
आज का सवाल
हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की पहली शादी किससे हुई ?
(1) आयशा बिन्त अबु बकर र. अ.
(2) ख़दीजा बिन्त खुवेलिद र. अ.
(3) हफ्सा बिन्त उमर र. अ.
#क़ुरान_मे_मौजूद_सभी_आयतो_पर_ईमान_है
एक भाई ने इनबॉक्स मे मुझ से सवाल किया की क़ुरान की मंसूख की गई आयते कितनी है ?
अरे मेरे भाई जो 6666आयते क़ुरान मे मौजूद है हम इन तमाम आयतो पर ईमान रखते है और इन आयतो के हुक्मो पर ही तो मुसलमान अमल कर ले और फिर मंसूख की हुई आयतो से हमे लेना देना क्या जिसे हमारे अल्लाह ने ही मंसूख (निरस्त)कर दिया है तो जरूर अल्लाह ने हमारे हक़ मे बेहतर ही किया होगा...!!
Quran - 2 : 106
۞ مَا نَنْسَخْ مِنْ آيَةٍ أَوْ نُنْسِهَا نَأْتِ بِخَيْرٍ مِنْهَا أَوْ مِثْلِهَا ۗ أَلَمْ تَعْلَمْ أَنَّ اللَّهَ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ
एक भाई ने इनबॉक्स मे मुझ से सवाल किया की क़ुरान की मंसूख की गई आयते कितनी है ?
अरे मेरे भाई जो 6666आयते क़ुरान मे मौजूद है हम इन तमाम आयतो पर ईमान रखते है और इन आयतो के हुक्मो पर ही तो मुसलमान अमल कर ले और फिर मंसूख की हुई आयतो से हमे लेना देना क्या जिसे हमारे अल्लाह ने ही मंसूख (निरस्त)कर दिया है तो जरूर अल्लाह ने हमारे हक़ मे बेहतर ही किया होगा...!!
Quran - 2 : 106
۞ مَا نَنْسَخْ مِنْ آيَةٍ أَوْ نُنْسِهَا نَأْتِ بِخَيْرٍ مِنْهَا أَوْ مِثْلِهَا ۗ أَلَمْ تَعْلَمْ أَنَّ اللَّهَ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ
(ऐ रसूल) हम जब कोई आयत मन्सूख़ करते हैं या तुम्हारे ज़ेहन से मिटा देते हैं तो उससे बेहतर या वैसी ही (और) नाज़िल भी कर देते हैं क्या तुम नहीं जानते कि बेशुबहा अल्लाह हर चीज़ पर क़ादिर है
[ क़ुरआन सूरह बकरा आयत 106 ]
Quran - 13 : 39
يَمحُو اللَّهُ ما يَشاءُ وَيُثبِتُ ۖ وَعِندَهُ أُمُّ الكِتابِ
[ क़ुरआन सूरह बकरा आयत 106 ]
Quran - 13 : 39
يَمحُو اللَّهُ ما يَشاءُ وَيُثبِتُ ۖ وَعِندَهُ أُمُّ الكِتابِ
फिर इसमें से अल्लाह जिसको चाहता है मिटा देता है और (जिसको चाहता है बाक़ी रखता है और उसके पास असल किताब (लौहे महफूज़) मौजूद है
[ क़ुरआन -सूरह 13 -39 ]
#सेकुलर_मुसलमानो_नेताओ_उलेमाओ
जब "क़ुरान फ़र्ज़ सूरह नूर" को पीठ पीछे डालकर अल्लाह के "कानून संविधान"को छोडकर इंसानी कानून संविधान को मान ही लिये हो ,और जब इंसानी संविधान कानून और उसकी न्यायपालिका पर "यकीन ईमान" भी रखते हो ,जब अल्लाह के कानून संविधान के साथ "शिर्क" कर ही रहे हो, तो फिर "भारत माता की जय" बोलने पर बवाल क्यो मचा रहे हो..??
#तो_फतवा_गिरी_बंद_करो
#इस्लाम_के_नाम_पर_सियासत_बंद_करो
Quran - 24 : 1
سورَةٌ أَنزَلناها وَفَرَضناها وَأَنزَلنا فيها آياتٍ بَيِّناتٍ لَعَلَّكُم تَذَكَّرونَ
जब "क़ुरान फ़र्ज़ सूरह नूर" को पीठ पीछे डालकर अल्लाह के "कानून संविधान"को छोडकर इंसानी कानून संविधान को मान ही लिये हो ,और जब इंसानी संविधान कानून और उसकी न्यायपालिका पर "यकीन ईमान" भी रखते हो ,जब अल्लाह के कानून संविधान के साथ "शिर्क" कर ही रहे हो, तो फिर "भारत माता की जय" बोलने पर बवाल क्यो मचा रहे हो..??
#तो_फतवा_गिरी_बंद_करो
#इस्लाम_के_नाम_पर_सियासत_बंद_करो
Quran - 24 : 1
سورَةٌ أَنزَلناها وَفَرَضناها وَأَنزَلنا فيها آياتٍ بَيِّناتٍ لَعَلَّكُم تَذَكَّرونَ
(ये) एक सूरह है जिसे हमने नाज़िल किया है और उस (के एहक़ाम कानून) को फर्ज क़र दिया है और इसमें हमने वाज़ेए व रौशन आयतें नाज़िल की हैं ताकि तुम (ग़ौर करके) नसीहत हासिल करो...!!
[ क़ुरआन - सूरह नूर आयत 1 ]
पढो और समझो "सूरह नूर" कौन इन फ़र्ज़ रौशन आयतो पर अमल कर रहा है और करवा रहा है..!!
"जो लोग अल्लाह के उतारे कानून के मुताबिक फैसला न करें वही काफिर हैं"..!!
सूरह माइदा 5: 44 अल क़ुरआन
"जो शख्स अल्लाह की नाज़िल की हुई (किताब) के मुवाफ़िक़ हुक्म न दे तो ऐसे ही लोग ज़ालिम हैं"..!!
[ क़ुरआन - सूरह मायदा 45 ]
#अल्लाह_का_फतवा...#शरई_हुक्म
[ क़ुरआन - सूरह नूर आयत 1 ]
पढो और समझो "सूरह नूर" कौन इन फ़र्ज़ रौशन आयतो पर अमल कर रहा है और करवा रहा है..!!
"जो लोग अल्लाह के उतारे कानून के मुताबिक फैसला न करें वही काफिर हैं"..!!
सूरह माइदा 5: 44 अल क़ुरआन
"जो शख्स अल्लाह की नाज़िल की हुई (किताब) के मुवाफ़िक़ हुक्म न दे तो ऐसे ही लोग ज़ालिम हैं"..!!
[ क़ुरआन - सूरह मायदा 45 ]
#अल्लाह_का_फतवा...#शरई_हुक्म
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