हज़रत अली र. अ. के चंद कौल
1गरीब वह है जिसका कोई दोस्त न हो।
2 बात कहने वाले को न देखो बल्कि बात को देखो।
3 माफ़ कर देना बहुत अच्छा इन्तेक़ाम है।
4 नेकी की क़द्र कोई करे न करे तुम किये जाओ।
5 मुसीबतो का मुक़ाबला सब्र से करो और
नेमतों की हिफाज़त शुक्र से करो।
6 इल्म माल से बेहत्तर है इसलिए कि इल्म तुम्हारी
हिफाज़त करता है और माल की हिफाज़त तुम्हे करनी है।
7 लालच से रोजी बढ़ नहीं जाती लेकिन इंसान की क़द्र घट जाती है।
1गरीब वह है जिसका कोई दोस्त न हो।
2 बात कहने वाले को न देखो बल्कि बात को देखो।
3 माफ़ कर देना बहुत अच्छा इन्तेक़ाम है।
4 नेकी की क़द्र कोई करे न करे तुम किये जाओ।
5 मुसीबतो का मुक़ाबला सब्र से करो और
नेमतों की हिफाज़त शुक्र से करो।
6 इल्म माल से बेहत्तर है इसलिए कि इल्म तुम्हारी
हिफाज़त करता है और माल की हिफाज़त तुम्हे करनी है।
7 लालच से रोजी बढ़ नहीं जाती लेकिन इंसान की क़द्र घट जाती है।
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