Saturday, 6 February 2016

इल्म सिर्फ आख़िरत के लिए 
हज़रत काअब बिन मालिक र. अ. कहते है कि 
मैंने रसूलुल्लाह ﷺ को फ़र्माते हुए सुना है 
"जो शख्स इल्म (दीन) हासिल करे 
1 उलेमा से गर्व हासिल करने के लिए या 
2 बेइल्म से झगड़ा करने के लिए या 
3 (बड़े) लोगो के चेहरे अपनी तरफ 
(झूटी शोहरत की खातिर) मुतवज्जह 
करने के लिए
अल्लाह उन्हें आग में दाखिल फरमाएगा। "
( तिर्मिज़ी, किताबुल इल्म 2/2128 )

हक़ बात - सबके साथ 

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