इल्म सिर्फ आख़िरत के लिए
हज़रत काअब बिन मालिक र. अ. कहते है कि
मैंने रसूलुल्लाह ﷺ को फ़र्माते हुए सुना है
"जो शख्स इल्म (दीन) हासिल करे
1 उलेमा से गर्व हासिल करने के लिए या
2 बेइल्म से झगड़ा करने के लिए या
3 (बड़े) लोगो के चेहरे अपनी तरफ
(झूटी शोहरत की खातिर) मुतवज्जह
करने के लिए
अल्लाह उन्हें आग में दाखिल फरमाएगा। "
( तिर्मिज़ी, किताबुल इल्म 2/2128 )
हक़ बात - सबके साथ
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