फ़रमाँबरदारी
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया
" जब औरत पाँच नमाज़े अदा करे और रमजान के रोज़े
रखे और शर्मगाह की हिफाजत करे और अपने शौहर की
इताअत करे तो उसको कहा जायेगा कि जन्नत के जिस
दरवाज़े चाहती हो गुजर जाओ। "
( मुस्नद अहमद )
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया
" जब औरत पाँच नमाज़े अदा करे और रमजान के रोज़े
रखे और शर्मगाह की हिफाजत करे और अपने शौहर की
इताअत करे तो उसको कहा जायेगा कि जन्नत के जिस
दरवाज़े चाहती हो गुजर जाओ। "
( मुस्नद अहमद )
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