अल्लाह सुब्हानउ तआला क़ुरआन-ए-करीम में फ़रमाता है कि
"सूरज और चाँद को सज़दा न करो बल्कि उसको सज़दा करो
जिसने इन्हे पैदा किया है। अगर तुम वाक़ई अल्लाह (ईश्वर)
की इबादत करने वाले हो।"
( क़ुरआन , हा मीम सज़्दा , आयात 37 )
बेहतरीन दिन - जुमा
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़र्माया :
"बेहतरीन दिन, जिस पर सूरज उदय होकर चमके जुमा का दिन है।
इसी दिन आदम अलैहिस्सलाम पैदा किये गए, इसी दिन ज़न्नत से
(ज़मीन पर) उतारे गए और क़यामत भी जुमा के दिन क़ायम होगी। "
( मुस्लिम, अल्जुमा, अध्याय - फ़ज़्ल यौमुल जुमा, हदीस 854 )
"सूरज और चाँद को सज़दा न करो बल्कि उसको सज़दा करो
जिसने इन्हे पैदा किया है। अगर तुम वाक़ई अल्लाह (ईश्वर)
की इबादत करने वाले हो।"
( क़ुरआन , हा मीम सज़्दा , आयात 37 )
बेहतरीन दिन - जुमा
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़र्माया :
"बेहतरीन दिन, जिस पर सूरज उदय होकर चमके जुमा का दिन है।
इसी दिन आदम अलैहिस्सलाम पैदा किये गए, इसी दिन ज़न्नत से
(ज़मीन पर) उतारे गए और क़यामत भी जुमा के दिन क़ायम होगी। "
( मुस्लिम, अल्जुमा, अध्याय - फ़ज़्ल यौमुल जुमा, हदीस 854 )
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