Sunday, 28 February 2016

हक़ बात - सबके साथ
"और उससे ज्यादा कौन जालिम हो सकता है, जो अल्लाह की मस्जिदो में
(लोगो को) अल्लाह की इबादत से रोके तथा उसे नष्ट करने का प्रयत्न करे। "

(सूरह 2 अल बकरा, आयात 

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