Friday, 26 December 2014

सूरह -फातिहा

                                                          सूरह -फातिहा


उबादा बिन सामित र. अ. से रिवायत है की रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया,"जिस आदमी ने सूरह फातिहा नहीं पढ़ी,उसकी नमाज़ ही नहीं हुई। " (बुखारी)

कुछ रिवायतों में खुलासा है की रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने सुबह की नमाज़ के बाद सहाबा किराम र. अ. से पूंछा की शायद तुम इमाम के पीछे कुछ पढ़ते हो?
उन्होंने कहा - जी हाँ !
तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया  की सूरह फातिहा के अलावा कुछ और न  करो।
(ओनुलबारी 1/782 )

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