सवाल - दीन में बिदअत क्या है ?
जवाब -बिदअत एक ऐसा काम है जो दीन में नया हो , क़ुरान व हदीस से साबित न हो इस नियत से किया जाये की इसके करने से सवाब होगा।
क़ुरआन - और उन्होंने अल्लाह के सिवा कुछ ऐसे शरीक ठहरा लिए है जो उनके लिए कानून बनाते है जिसकी इज़ाज़त अल्लाह ने नहीं दी। (सूरह शुअरा -21 )
हदीस - रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! जो हमारे दीन में ऐसी नयी बात पैदा करे जो दीन का हिस्सा नहीं , वो रद्द है। (बुखारी व मुस्लिम )
जवाब -बिदअत एक ऐसा काम है जो दीन में नया हो , क़ुरान व हदीस से साबित न हो इस नियत से किया जाये की इसके करने से सवाब होगा।
क़ुरआन - और उन्होंने अल्लाह के सिवा कुछ ऐसे शरीक ठहरा लिए है जो उनके लिए कानून बनाते है जिसकी इज़ाज़त अल्लाह ने नहीं दी। (सूरह शुअरा -21 )
हदीस - रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ! जो हमारे दीन में ऐसी नयी बात पैदा करे जो दीन का हिस्सा नहीं , वो रद्द है। (बुखारी व मुस्लिम )
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