Saturday, 20 December 2014

क़ब्र रोज़ चार  आवाज़ देती है।
1 यहाँ अँधेरा है रौशनी लाना।
2 मैं खाक हूँ बिस्तर लाना।
3 तनहाई है दोस्त लाना।
4 सांप , बिच्छू है आमाल लाना।

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