सैय्यदना अब्दुल अब्दुल क़ादिर जिलानी र. अ. फरमाते है अहले सुन्नत वल जमाअत ही फ़िरक़ा -ए -नाज़िया है और अहले सुन्नत का सिर्फ एक ही नाम है और वो अहले हदीस है। और आगे फरमाते है अहले सुन्नत का सिर्फ एक ही गिरोह है और वो अहले हदीस है। (गुनियतुत तालिबीन )
हज़रत मुआविया र. अ. से मरवी है की रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया :"मेरी उम्मत में से एक गिरोह हमेशा अल्लाह तआला के हुक्म पर कायम रहेगा जो कोई उन्हें बिगाड़ना चाहे या उनकी मुखालिफत करे वो उन्हें कुछ नुकसान न पहुंचा सकेगा। यहाँ तक की क़यामत आ जाये और वो लोगों पर ग़ालिब रहेगा। " (सहीह मुस्लिम )
इमाम इब्ने हिब्बान र. अ. फरमाते है :"यह बात दुरुस्त है की क़यामत के दिन रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के सबसे ज्यादा करीब अहले हदीस होंगे। " (जवाहिरुल बुखारी )
हज़रत मुआविया र. अ. से मरवी है की रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया :"मेरी उम्मत में से एक गिरोह हमेशा अल्लाह तआला के हुक्म पर कायम रहेगा जो कोई उन्हें बिगाड़ना चाहे या उनकी मुखालिफत करे वो उन्हें कुछ नुकसान न पहुंचा सकेगा। यहाँ तक की क़यामत आ जाये और वो लोगों पर ग़ालिब रहेगा। " (सहीह मुस्लिम )
इमाम इब्ने हिब्बान र. अ. फरमाते है :"यह बात दुरुस्त है की क़यामत के दिन रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के सबसे ज्यादा करीब अहले हदीस होंगे। " (जवाहिरुल बुखारी )
No comments:
Post a Comment