Sunday, 30 November 2014

आज कल मज़ारों का धन्धा बढ़िया चल रहा है सोचता हु की मैं भी यह धन्धा ही करने लग जाऊ लेकिन फिर मेरे को लगता है की क्या मैं इस तरह अपने आप को एक सच्चा मुस्लिम साबित कर सकूंगा , नहीं मैं ऐसा बिलकुल नहीं कर सकता और न ही मैं ऐसा करूँगा।
मैं हक़ कहता आया हु हक़ की बात बोलता आया हु और हक़ की बात हमेशा करता रहूँगा।  हमारे पेज का नाम भी इसी तर्ज़ पर हमने हक़ बात -सबके साथ रखा है।
आप सभी हक़ परस्त भाइयो से निवेदन है की आप हमारे पेज को ज्यादा से ज्यादा तादात में शेयर करे और लाइक देकर हक़ की आवाज़ को बुलंद करे।

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