Sunday, 14 September 2014

namaz-e-tark

कस्दन नमाज़ तर्क करना कैसा है ?

जाबिर बिन अब्दुल्लाह र. अ. से रावी है की रसूलुल्लाह सल्ललाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया - "आदमी और कुफ्र व शिर्क के दरम्यान फ़र्क़ नमाज़ का तर्क करना है। " (मुस्लिम)

रसूलुल्लाह सल्ललाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया - "वो अहद जो हमारे और उनके दरम्यान है , वो नमाज़ है जिसने इसे तर्क किया वो काफिर हो गया। " (नसाई , इब्ने माज़ा )

रसूलुल्लाह सल्ललाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया - "जिसने जान - बूझकर नमाज़ तर्क की वो काफिर हो गया। " (मजमूअ अल बहरैन )


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