Monday, 10 April 2023

 छब्बीसवां पारा


 इस पारे में छह हिस्से  हैं

 1- सूरह अल-अहक़ाफ पूरी

 2- सूरह मुहम्मद मुकम्मल

 3- सूरह अल-फतह पूरी

 4- सूरह हुजरात मुकम्मल

 5- सूरह ق मुकम्मल

 6- सूरह अल-ज़ारियात शुरूआती हिस्सा


 सूरह अहकाफ में कई बातों का जिक्र है

 1- माता-पिता के साथ अच्छे व्यवहार का ज़िक्र है

 2- हमल की न्यूनतम अवधि जो छ: माह है,

 3- आद की क़ौम की शरारत और उन पर आने वाले अज़ाब का ज़िक्र है, कि उन पर ऐसी आँधी चली कि सब तबाह हो गए।

 4- जिन्नों के ईमान लाने का बयान और उपनी क़ौम में दाई के रूप में काम करने का बयान है


 सूरह मुहम्मद में बहुत सी बातें हैं

 1- जन्नत की मिसाल बयान की गई है कि उसमें एक नहर है जिसका पानी मैला नहीं होता, दूध की नदी है जो नहीं बदलती, शराब की नदी है, शुद्ध शहद की नदी है और हर तरह के फल आदि।

 2- जब इंसान को धन की प्राप्ति होती है या वह कोई ओहदा या मंसब पा जाता है तो वह रिश्तों को नहीं  निभाता है

 3- अल्लाह और उसके रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) का विरोध करना आमाल की बरबादी का ज़रिया है


 सूरह फतह में कुछ बातें ये हैं

 1- इस सूरह में फतह मुबीन से मुराद या तो सुलह हुदैबिया है या तो फतह मक्का है मुफस्सिरीन में इख्तेलाफ है

 2- पवित्र पैगम्बर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) पर ईमान लाने उनका सम्मान करने और उनकी मदद करने का बयान है।

 3- सुलह हुदैबिया के बाज़ हालात का बयान

 4- नबी ए करीम ﷺ के ख्वाब का ज़िक्र कि वह मस्जिद हरम की ज़ियारत करेंगे

 5- सहाबा की बाज़ उमदह सिफात का ज़िक्र


 सूरह हुजरात में बहुत सी बातें हैं

 1- नबुव्वत और रिसालक का मक़ाम

 2- दो दलों के बीच असहमति की स्थिति में सुधार का प्रयास करें और विद्रोही दल के खिलाफ तब तक खड़े रहें जब तक कि वह सही रास्ते पर न आ जाए।

 3- समाज को बर्बाद करने वाले कुछ काम का बयान जिससे बचना चाहिए जैसे चुगली करना, बदगुमानी, बुरे अलक़ाब से खिताब वगैरह


 सूरा ق की कुछ बातें ये हैं

 1- क़यामत का बयान कि मरने के बाद फिर से ज़िन्दा किया जाएगा

 2- क़ौम ए नूह, असहाबुल रस, क़ौम ए समूद आद फिरौन के साथियों और इख्वाने लूत की तकज़ीब का बयान

 3- जहन्नुम की कुशादगी और जन्नत की क़ुरबत का तज़किरह

 4- इस बात क ज़िक्र कि है कि उन्हें आखिरत में कैसे लाया जाएगा और मुशरिकीन को कड़ी सजा कैसे दी जाएगी।


सूरह जारियात के शुरुआती हिस्से की कुछ बातें हैं

1. हिसाब ओ किताब होकर रहेगा 

 2- परहेज़गारों की कुछ सिफात का ज़िक्र  कि वे रात को बहुत कम सोते हैं, सेहर में अस्तगफार करते हैं और अपने मालों में साइल और महरूम का हक़ फरामोश नहीं करते 

 3- इब्राहिम अलैहिस्सलाम के पास मेहमानों के आगमन और उनकी ज़ियाफत का ज़िक्र


Muhammad Yasir

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