काबा शरीफ को विजय नहीं किया जा सकता।
एक बार 530 ए. डी. में यमन के राजा अब्राहा ने हाथियों का लश्कर मक्का पर चढ़ाई कर दी थी, ताकि वह काबा शरीफ को ढहा दे। जब वह मक्का शहर के करीब पहुंचा तो अबाबील नाम की बहुत-सी छोटी चिड़िया अपनी चोंच में कंकरी ले जाकर उन सेनिको पर फेंकने लगी और कंकरी लगते ही सैनिक अपने हाथियों समेत भूसा की तरह सड़ - गल गए। इस तरह पूरी सेना का विनाश हो गया। इसका पूरा वर्णन आप क़ुरआन शरीफ की सूरह फील में पढ़ सकते है। इसलिए इस शहर को विजय करना असम्भव है।
इसके अलावा अर - रहिकुल अल - मख्तूम पढ़े जो की नबी स. अ. व. की पूरी हयात बयान करती है।
एक बार 530 ए. डी. में यमन के राजा अब्राहा ने हाथियों का लश्कर मक्का पर चढ़ाई कर दी थी, ताकि वह काबा शरीफ को ढहा दे। जब वह मक्का शहर के करीब पहुंचा तो अबाबील नाम की बहुत-सी छोटी चिड़िया अपनी चोंच में कंकरी ले जाकर उन सेनिको पर फेंकने लगी और कंकरी लगते ही सैनिक अपने हाथियों समेत भूसा की तरह सड़ - गल गए। इस तरह पूरी सेना का विनाश हो गया। इसका पूरा वर्णन आप क़ुरआन शरीफ की सूरह फील में पढ़ सकते है। इसलिए इस शहर को विजय करना असम्भव है।
इसके अलावा अर - रहिकुल अल - मख्तूम पढ़े जो की नबी स. अ. व. की पूरी हयात बयान करती है।
No comments:
Post a Comment