{क़ुर्बानी की दुआ}
हज़रत अनस और हज़रत आइशा र. अ. से रिवायत है कि :
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने जानवर को जिबह करते हुए फ़रमाया :
"बिस्मिल्लाही अल्लाहू अकबर , अल्लाहुम्मा तक़ब्बल मिन्न मुहम्मद व मिन्न आलि मुहम्मद व मिन्न उम्मति मुहम्मद"
तर्ज़ुमा : शुरू अल्लाह के नाम से , अल्लाह बहुत बड़ा है।
ऐ अल्लाह ! क़ुबूल फरमा ,मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की तरफ से और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कि आल व औलाद की तरफ से और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की उम्मत की तरफ से।
हवाला : सहीह मुस्लिम, किताबुल आज़ाही, बाब न. 3, हदीस न. 5090, और 5091
हज़रत अनस और हज़रत आइशा र. अ. से रिवायत है कि :
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने जानवर को जिबह करते हुए फ़रमाया :
"बिस्मिल्लाही अल्लाहू अकबर , अल्लाहुम्मा तक़ब्बल मिन्न मुहम्मद व मिन्न आलि मुहम्मद व मिन्न उम्मति मुहम्मद"
तर्ज़ुमा : शुरू अल्लाह के नाम से , अल्लाह बहुत बड़ा है।
ऐ अल्लाह ! क़ुबूल फरमा ,मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की तरफ से और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कि आल व औलाद की तरफ से और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की उम्मत की तरफ से।
हवाला : सहीह मुस्लिम, किताबुल आज़ाही, बाब न. 3, हदीस न. 5090, और 5091
No comments:
Post a Comment