Sunday, 3 April 2016

मेरी मेरे सभी नॉन मुस्लिम दोस्तों से दिली गुज़ारिश हे जिनके मन में इस्लाम को लेकर गलतफहमिया हे वो अपने अमूल्य वक़्त में से थोडा वक़्त निकाल कर मेरी इस पोस्ट को ज़रूर पढ़े....
खासतौर से वो लोग ज़रूर पढ़े जो ये मानते हे की मेरा मज़हब तलवारो और आज बंदूको की वजह से फैला हे। अरे जिस मज़हब का नबी इतना अफज़ल हे तो सोचना व मज़हब केसा होगा।
मैं बात कर रहा हूँ इस्लाम के आख़िरी
नबी हज़रत
मुहम्मद (सल्लल्लाहु°अलयही°वसल्लम°)
की..
आप
(सल्लल्लाहु°अलयही°वसल्लम°)
ने औरतों के हक़ में उस वक़्त आवाज़ उठाई
जिस दौर
में
बेटियों को जिंदा दफना दिया जाता
था और
विधवाओं को जीने तक का अधिकार न
था...
हाँ ये वही मुहम्मद (सल्लल्लाहु°अलयही
°वसल्लम°) हैं
जिन्होंने एक गरीब नीग्रो बिलाल
(रजि अल्लाहू ) को अपने गले से लगाया,
अपने
कंधों पर बैठाया, और इस्लाम का पहला
आलिम
मुक़र्रर किया....
वही मुहम्मद (सल्लल्लाहु°अलयही°वसल्लम
°)
जिन्होंने कहा की मज़दूर
का मेहनताना उसका पसीना सूखने से
पहले
अदा करो, मज़दूर पर उसकी ताक़त से
ज़्यादा बोझ न डालो, यहाँ तक की काम
में
मज़दूर का हाथ बटाओ....
वही मुहम्मद (सल्लल्लाहु°अलयही°वसल्लम
°)
जिन्होंने कहा की वो इंसान मुसलमान
नहीं हो सकता जिसका पड़ोसी भूखा
सोये,
चाहे वो किसी भी मज़हब का हो...
वही मुहम्मद (सल्लल्लाहु°अलयही°वसल्लम
°)
जिन्होंने कहा की अगर किसी ग़ैर
मुस्लिम पर
किसी ने ज़ुल्म किया तो अल्लाह की
अदालत में
वो खुद उस ग़ैर मुस्लिम की वक़ालत
करेंगे....
वही मुहम्मद (सल्लल्लाहु°अलयही°वसल्लम
°)
जिन्होंने अपने ऊपर कूड़ा फेंकने वाली
बुज़ुर्ग औरत
का जवाब हमेशा मुस्कुरा कर दिया और
उसके
बीमार हो जाने पर ख़ुद खैरियत पूछने
जाते हैं....
हाँ वही मुहम्मद (सल्लल्लाहु°अलयही
°वसल्लम°)
जिन्होंने कहा की दूसरे मज़हब का मज़ाक

बनाओ...
वही मुहम्मद (सल्लल्लाहु°अलयही°वसल्लम
°)
जिन्होंने जंग के भी आदाब तय किये की
सिर्फ
अपने बचाव में ही हथियार उठाओ...बच्चे,
बूढों और
औरतों पर हमला न करो बल्कि पहले उन्हें
किसी महफूज़ जगह पहुँचा दो...यहाँ तक
की पेड़
पौधों को भी नुकसान ना पहुचाने की
हिदायत
दी...
उसी अज़ीमुश्शान शख्सिअत के बारे
में
लिखते लिखते कलम थक जायगी मगर
उसकी शान
कभी कम न होगी.
उन पर हमारी जान कुर्बान....
आजकल हिन्दु/गैर-मुस्लिम भाई बहुत परेशान रहते हे इस्लाम को लेकर.... उनको बताना चाहुंगा कि अगर कोई इन्सान गलती करता हे तो वो इन्सान बुरा होता है उसका धर्म/मज़हब नही....
२१ वीं सदी मे बहुत ऐसे लोग हैं जो दुनिया मे इतना मग्न हो गये है कि जिनको खुद इस्लाम की नोलैज नही हे तो बो बच्चो को क्या इस्लाम के बारे मै बताऐंगे..
याद रखो... इस्लाम १००% पाक ओर साफ मज़हब हे..किसी के कहने सुनने पर इसे बुरा ना कहो...
और अब भी अगर आपके दिमाग मे इस्लाम को लेकर कोई गलतफैमी है तो आप खुद मुहम्मद (सल्लल्लाहु°अलयही°वसल्लम) की जीवनी(लाइफ हिस्ट्री) पड़कर देखें... आपको जर्रा (पौइंट) बराबर भी गलती नजर नही आयेगी..!!!
अगर कोई मुस्लिम गलती/बत्तमीजी करता दिखे तो आप उससे सिर्फ इतना बौलना की क्या नबी ( मुहम्मद सल्लल्लाहु°अलयही°वसल्लम) ने आपको यही सिखाया है??? तुमको नबी का ज़रा भी डर नहीं.????
सच्चा मुसलमान होगा तो शर्म से पानी पानी होकर तौबा कर लेगा..!!!!
प्लीज आपसे रिक्वेस्ट है कि इस मेसेज को फारवर्ड करे इस्लाम के लिये जो लोगो के दिल-औ-दिमाग मे नाइत्तिफाख़ी/बुराई हे उसे दूर करने मे हमारी मदद करें...
शुक्रीया......
@ज़ैद BBM

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