Tuesday, 19 April 2016

‪#‎हदीस_ए_नबवी‬ (सल्लल्लाहु अलैहि वआलेही वसल्लम)
हज़रत अबू हुरैराह रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया: "तुम जानते हो ग़ीबत क्या है? लोगों ने कहा कि अल्लाह और उसके रसूल बेहतर जानते है, आपने फ़रमाया:- ग़ीबत ये है कि तुम अपने भाई का ज़िक्र करो इस तौर पर कि अगर वो सामने हो तो उसको अच्छा न लगे...।" लोगों ने कहा ऐ अल्लाह के रसूल! (सल्लल्लाहु अलैहि वआलेही वसल्लम) अगर हमारे भाई में वो ऐब मौजूद हो तो.?
आपने फ़रमाया- "तभी तो ग़ीबत हुवी, नहीं तो ख़ुली तौहमत होगी...।"
(सही मुस्लिम, जिल्द 4, किताबुल-बिर्री-व-सिलती-वल अदब, बाब 1070, हदीस 6265)


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