Sunday, 27 March 2016

{दोज़ख के मुस्तहिक़}

रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया :
क्या मैं तुम्हे जहन्नुमी लोगो के बारे में न बताऊँ ?
हर सख्तमिजाज, बदअख़्लाक़, और तकब्बुर करने वाला (जहन्नुमी) है।

(सहीह बुखारी : 6071)

{मुसीबतज़दा को तसल्ली देना}

हज़रत मुहम्मद बिन उमरु बिन हज़म र. अ. से रिवायत है कि 
रसूलुल्लाह ﷺ ने इरशाद फ़रमाया :
"जो शख्स अपने किसी मोमिन भाई को मुसीबत में सब्र व तहम्मुल की तलक़ीन करता है 
अल्लाह तआला क़यामत के दिन उसे शर्फ व इज़्ज़त का लिबास पहनाएगा।"

(सुनन इब्ने माज़ा : 1601)  


{समझदार ही कामयाब होगा}

सैय्यदना अबु सईद खुदरी र.अ. से रिवायत है कि 
रसूलुल्लाह ﷺ ने इरशाद फ़रमाया :
दुनिया मीठी और सरसब्ज़ है , अल्लाह तआला इस दुनिया में तुम्हे एक 
दूसरे के जानशीन बनाके देखेगा की तुम क्या अमल पेश करते हो। 

{सहीह मुस्लिम:2742)

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