{दोज़ख के मुस्तहिक़}
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया :
क्या मैं तुम्हे जहन्नुमी लोगो के बारे में न बताऊँ ?
हर सख्तमिजाज, बदअख़्लाक़, और तकब्बुर करने वाला (जहन्नुमी) है।
(सहीह बुखारी : 6071)
{मुसीबतज़दा को तसल्ली देना}
हज़रत मुहम्मद बिन उमरु बिन हज़म र. अ. से रिवायत है कि
रसूलुल्लाह ﷺ ने इरशाद फ़रमाया :
"जो शख्स अपने किसी मोमिन भाई को मुसीबत में सब्र व तहम्मुल की तलक़ीन करता है
अल्लाह तआला क़यामत के दिन उसे शर्फ व इज़्ज़त का लिबास पहनाएगा।"
(सुनन इब्ने माज़ा : 1601)
{समझदार ही कामयाब होगा}
सैय्यदना अबु सईद खुदरी र.अ. से रिवायत है कि
रसूलुल्लाह ﷺ ने इरशाद फ़रमाया :
दुनिया मीठी और सरसब्ज़ है , अल्लाह तआला इस दुनिया में तुम्हे एक
दूसरे के जानशीन बनाके देखेगा की तुम क्या अमल पेश करते हो।
{सहीह मुस्लिम:2742)
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