मुहम्मद ﷺके परम शत्रु भी आपकी सच्चाई को मानते थे।
अबु जहल इस्लाम के सबसे बड़े दुश्मन ने कहा था,
" ऐ मुहम्मद ﷺ मैं यह नहीं कहता कि तुम झूठे हो
मैं तो सिर्फ इस दावत (इस्लाम के आमंत्रण) और धर्म
का इनकार करता हूँ जो तुम लाये हो। "
हक़ बात - सबके साथ
जुन्दुब बिन सुफियान र. अ. कहते है कि
रसूलुल्लाह ﷺ की ऊँगली एक युद्ध में कट गयी तो
आपने कहा :
" तू तो बस एक ऊँगली है जो कट गयी , जो अल्लाह
की राह में ज़ख़्मी हुई है। "
( बुखारी : 2648 )
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