Wednesday, 3 February 2016


हक़ बात - सबके साथ 

अल्लाह तआला ने फ़रमाया है :
" और गुनाह व ज्यादती के काम में एक-दूसरे को सहयोग न दे। "

( क़ुरआन - 5:2 )

बेशक ये क़ुरआन ही वह राह दिखाता है जो सब राहो से सीधी 
राह है, और खूब मजबूत है। 
(सूरह बनी इस्राईल,17, आयात न. 9)

सवाल - खुदा में मेरे लिए कौनसा मजहब (धर्म) पसन्द किया है ?
जवाब - बेशक अल्लाह के पास क़ुबूल होने वाला दीन (मजहब) सिर्फ इस्लाम है ,
आसमानी किताब पाने वालो ने इल्म आ जाने के बाद जो इख्तिलाफ किया तो 
जिद में आकर यह हरकत की और जो कोई भी इन्कारी हुआ अल्लाह की आयात 
से तो अल्लाह बहुत जल्द हिसाब लेने वाला है। 
( अल-क़ुरआन सूरह ; अल इमरान , 3:19  


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