दुरूद का बयान
हज़रत अबु हुरैरा र. अ. से रिवायत है अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने कहा,"मेरी कब्र को ईद न बनाना ,और तुम मुझ पर दुरूद भेजा करो ,क्यूंकि तुम्हारा दुरूद मुझ तक पहुँच जाता है चाहे तुम कहीं भी हो। " (अबु दाऊद )
हज़रत अबु हुरैरा र. अ. से रिवायत है अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने कहा,"जो कोई मुझ पर सलाम भेजता है तो अल्लाह मुझे मेरी रूह (आत्मा ) लौटा देता है ,यहां तक की मैं उसके सलाम का जवाब देता हूँ। " (अबु दाऊद )
हज़रत अब्दुल्लाह बिन अम्र बिन आस र. अ. से रिवायत है की उन्होंने अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को यह लखते हुए सुना,"जो शख्स मुझ पर एक बार दुरूद (रहमत की दुआ) भेजता है अल्लाह उस पर दस बार दुरूद भेजता है। " (मुस्लिम)
हज़रत अबु हुरैरा र. अ. से रिवायत है अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने कहा,"मेरी कब्र को ईद न बनाना ,और तुम मुझ पर दुरूद भेजा करो ,क्यूंकि तुम्हारा दुरूद मुझ तक पहुँच जाता है चाहे तुम कहीं भी हो। " (अबु दाऊद )
हज़रत अबु हुरैरा र. अ. से रिवायत है अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने कहा,"जो कोई मुझ पर सलाम भेजता है तो अल्लाह मुझे मेरी रूह (आत्मा ) लौटा देता है ,यहां तक की मैं उसके सलाम का जवाब देता हूँ। " (अबु दाऊद )
हज़रत अब्दुल्लाह बिन अम्र बिन आस र. अ. से रिवायत है की उन्होंने अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को यह लखते हुए सुना,"जो शख्स मुझ पर एक बार दुरूद (रहमत की दुआ) भेजता है अल्लाह उस पर दस बार दुरूद भेजता है। " (मुस्लिम)
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