हज़रत अबु मूसा अश्अरी र. अ. से रिवायत हे , उन्होंने फ़रमाया की मेरे यहाँ एक लड़का पैदा तो मैं उसे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की खिदमत में ले आया। आपने उसका नाम इब्राहीम रखा और खजूर चबा कर उसके तालवे में लगायी , नीज़ उसके लिए बरकत की दुआ फ़रमाई , फिर वो बच्चा मुझे दे दिया। (बुखारी , हदीस न. 1911 )
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