Wednesday, 24 February 2016

हक़ बात - सबके साथ 
अजीब फतवा 
अहमद रज़ा बरेलवी साहब इरशाद फरमाते है :
"उल्माए दीन जूता शरीफ, रोज़क शरीफ, हुजूर सय्यदुल बशर के नक़्शे 
कागजो पर बनाने और उनको बोसा देने,आँखों से लगाने और सर पर रखने 
का हुक्म फरमाते रहे। "
(मजमुआ रसाईल - 144)
अहमद रज़ा बरेलवी का अजीब फतवा 
"औलिया के मज़ारों (क़ब्रो) पर नमाज़ पढ़ना और उनकी रूहो से 
मदद माँगना बरकत का कारण है। "
(फतावा रज़विया :2  - 333 )

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