ईमाम के ख़ुत्बा देते वक़्त खामोश रहना और गौर से सुनना वाज़िब है।
जुमआ के दिन हालते ख़ुत्बा में अगर तुम अपने साथी से यह कहो की 'चुप रहो' तो तुमने बेहुदा हरकत की।
{सहीह बुखारी : 934, सहीह मुस्लिम : 851}
जुमआ के दिन हालते ख़ुत्बा में अगर तुम अपने साथी से यह कहो की 'चुप रहो' तो तुमने बेहुदा हरकत की।
{सहीह बुखारी : 934, सहीह मुस्लिम : 851}
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