Monday, 14 December 2015

ईमाम के ख़ुत्बा देते वक़्त खामोश रहना और गौर से सुनना वाज़िब है।

जुमआ के दिन हालते ख़ुत्बा में अगर तुम अपने साथी से यह कहो की 'चुप रहो' तो तुमने बेहुदा हरकत की।
{सहीह बुखारी : 934, सहीह मुस्लिम : 851}

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