Saturday, 27 December 2014

                                                                   शहीद


 हज़रत मिक़दाद बिन माअदी र. अ. कहते है की नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया :"शहीदो की अल्लाह के यहाँ छ: फ़ज़ीलते है-

1 शहीद होते ही सारे गुनाह माफ़ कर दिए जाते है और ज़न्नत में उसे (शहादत के समय) उसका मक़ाम दिखा दिया जाता है।
2 कब्र के अज़ाब से उसे महफूज़ रखा जाता है।
3 क़ियामत के दिन उसे बड़ी घबराहट से बचाकर रखा जायेगा।
4 उसके सर पर इज़्ज़त का ऐसा ताज रखा जायेगा जिसमे लगा हुआ एक याकूत दुनिया और इसमें मौजूद हर चीज़ से ज्यादा कीमती होगा।
5 (ज़न्नत में ) उसका निकाह मोटी आँखों वाली 72 हूरों से किया जायेगा।
6 वह अपने सत्तर रिश्तेदारों की सिफारिश कर सकेगा "
(तिरमिज़ी)

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